शिवपुरी/ विश्व बैंक द्वारा सहायता प्रदत्त भारत सरकार की स्किल स्ट्रेन्थिनिंग फॉर इण्डस्ट्रियल वेल्यू एन्हेंसमेंट (STRIVE ) का उद्देश्य आईटीआई और अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से प्रदान किये जाने वाले कौशल प्रशिक्षण की प्रासंगिकता और दक्षता में सुधार करना है। इसके लिये इस योजना की मॉनीटरिंग और मूल्यांकन आवश्यक है। यह बात तकनीकी कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने गुरुवार को विभागीय समीक्षा के दौरान कही।
मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि वर्तमान में आईटीआई में संचालित पारम्परिक पाठ्यक्रम को वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप बनाना होगा। आईटीआई के पुराने ट्रेड कोर्स में अब आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होने लगा है और उद्योगों को ऐसे ही कुशल युवाओं की जरूरत है। श्रीमती सिंधिया ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में आये बदलाव से आईटीआई में नये पाठ्यक्रम को भी प्रारंभ करना होगा। अत्याधुनिक तकनीकों का ज्यादा उपयोग हो रहा है। अगर हम आईटीआई में युवाओं को इनमें दक्ष करेंगे, तो रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे।
सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास श्री मुकेशचन्द्र गुप्ता ने बताया कि स्ट्राइव योजना के तहत प्रथम चरण में 8 शासकीय आईटीआई मण्डीदीप, खरगौन, उमरिया, रतलाम, बालाघाट, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और एकलव्य महिला आईटीआई बैतूल शामिल हैं। दूसरे चरण में 12 शासकीय आईटीआई शिवपुरी, देवास, शाजापुर, सिवनी, कटनी, टीकमगढ़, छपारा (सिवनी जिला), हरदा, छतरपुर, अनूपपुर, झाबुआ और आईटीआई खण्डवा शामिल है। श्री गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के 20 शासकीय आईटीआई को प्रशिक्षण, गुणवत्ता तथा इण्डस्ट्री लिंकेज बढ़ाने के लिये 150 से 250 लाख रुपये का अनुदान प्रति आईटीआई प्राप्त होगा। इस राशि से चयनित शासकीय आईटीआई द्वारा स्नातकों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि, संचालित ट्रेडों में महिला नामांकनध्प्रवेश में 16 प्रतिशत की वृद्धि, कुल नामांकनध्प्रवेश में 25 प्रतिशत की वृद्धि और निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार कुल प्रशिक्षणार्थियों को ऑन जॉब ट्रेनिंग में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने जैसे चार प्रमुख उद्देश्यों की पूर्ति की जायेगी।
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