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वायरल वीडियो में सेल्समैन का भाई बोला- 50 हजार देकर मिली है राशन की दुकान / Shivpuri News

शिवपुरी। इन दिनों कोलारस की पीडीएस राशन दुकानें भ्रष्टाचार का अखाड़ा बनी हुई हैं। रसद माफिया शासकीय माल को बाजारों में विक्रय कर रहा है और गरीब अपने हक के निवालों को बिकता हुआ देख प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगा रहा है। पिछले हफ्ते ही अटरूनी राशन दुकान का माल लुकवासा के बाजारों में बिकते हुए पकड़ा गया था। अब बैढ़ारी की उचित मूल्य की शासकीय दुकान के सेल्समैन राजवीर यादव के भाई इंद्रभान यादव का वीडियो वायरल हो गया है। इसमें वह 50 हजार रुपये की रिश्वत देकर राशन की दुकान लेने की बात कहता हुआ सुनाई दे रहा है। साथ ही वह राशन की दुकान की शिकायत करने वालों से कह रहा है कि तुम सभी अपनी शिकायतें वापस ले लो, मैं तुम्हें राशन दे देता हूं। ग्रामीणों के अनुसार इंद्रभान यादव ने अपने भाई राजवीर यादव के नाम से दुकान ली है जबकि उसका संचालन वह करता है। पीडितों द्वारा सेल्समैन से पीडीएस व अंत्योदय के रूके हुए पूरे माल को लेने के बाद ही शिकायतें कटवाने की बात कही जा रही है।

स्थानीय प्रशासन राशन माफिया पर लगाम लगाने के लिए कोई सार्थक प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है। यहां कई दुकानों का राशन बाजारों में बेचे जाने की शिकायत भी एसडीएम स्तर तक की जा चुकी है और माल बिकते हुए भी पकड़वाया गया है। पहले ही बाढ़ की मार झेल रहे ग्रामीणों के सामने अब राशन का संकट भी खड़ा हो गया है।

अनैतिक गठजोड़ से चरमराया पीडीएस सिस्टम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जीरो टॉलरेंट की नीति कोलारस अनुविभाग पर लागू होती दिखाई नहीं दे रही है। यहां पर पीडीएस सिस्टम पूरी तरह से माफियाओं और प्रबंधन के अनैतिक गठजोड़ से चरमराया हुआ है। अतिबर्षा के बाद ग्रामीण अंचलों की फसलें पूर्णत: बर्बाद हो चुकी है। लगातार सीएम हेल्पलाइन 181 राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें भी दर्ज हो रही हैं। दूसरी ओर प्रशासन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। अटरूनी में तो सरकारी राशन का ट्रैक्टर पकड़े जाने के बाद भी सेल्समैन पर कार्रवाई नहीं हुई है। इसके चलते रसद माफिया के हौसले बढ़ रहे हैं। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की दोहरी नीति का नुकसान गरीब जनता को उठाना पड़ रहा है।

इनका कहना है

मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है। कोलारस एसडीएम से इस मामले में जांच करने के लिए कहता हूं।

अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर

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