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प्लाट और मकान का अनुबंध कराकर साढ़े 8 लाख रुपए लेकर रजिस्ट्री कराने से मुकरा आरोपित / Shivpuri News

शिवपुरी। कोतवाली पुलिस ने रिटायर्ड पोस्ट मास्टर नेमचंद जैन और उनके पुत्र आशीष जैन के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में मां बेटे के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया है। आरोपी मां बेटे ने पीड़ित पिता पुत्र को झांसे में लेकर उनसे साढ़े 8 लाख रुपए प्राप्त किए और अपने एक प्लाट मकान का अनुबंध करा दिया लेकिन जब रजिस्ट्री कराने का समय आया तो आरोपित मुकर गए। इसके बाद आरोपित ने चलन से बाहर का एक चैक भी फरियादी को सौंप दिया, जो बैंक में लगाने पर बाउंस हो गया। बाद में पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई जिसकी जांच के बाद पुलिस ने आरोपित मुकेश ओझा और उसकी मां मुन्नी ओझा के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में ख्यानत और 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।

फरियादी आशीष जैन के पिता रिटायर्ड पोस्ट मास्टर नेमचंद जैन ने निवासी झांसी तिराहा तुलसी नगर ने जानकारी देते हुए बताया कि वह 2010 में शिवपुरी मुख्य डाकघर शाखा में पोस्ट मास्टर के पद से रिटायर्ड हुए थ्ज्ञे जिसका उन्हें 25 लाख रुपए मिला था उनका पुत्र आशीष और आरोपित मुकेश ओझा काफी घनिष्ठ मित्र थे। 25 लाख रुपए मिलने की जानकारी मुकेश ओझा को लगी तो उसने मेरे पुत्र से कहा कि उसका एक प्लाट फतेहपुर टोंगरा रोड पर िस्थत है जिसका साईज 53 वाई 40 वर्गफीट है जिससे वह बेचना चाहता है क्योंकि उसे रुपयों की सख्त जरुरत है। आरोपित ने कहा कि अगर वह प्लॉट खरीद ले तो उसकी जरुरत पूरी हो जाएगी जिस पर आशीष ने उक्त प्लॉट का सौदा 4 लाख रुपए में कर लिया और 11 जनवरी 2012 को तीन लाख रुपए आरोपित को देकर उससे अनुबंध रजिस्टर्ड कराया। कुछ दिनों बाद मुकेश अपनी मां मुन्नी ओझा को लेकर पुन: घर आया जहां उसने बताया कि उसे रुपयों की और जरूरत है। इसलिए वह अपना मकान भी बेचना चाहता है जिसकी कीमत उसने 4 लाख रुपए बताई और साढ़े 3 लाख रुपए लेकर उसने एक और अनुबंध करा दिया। बाद में उसने डेढ़ लाख रुपए और ले लिए जिसे उन्होंने चैकों के माध्यम से दिया जब अनुबंध के अनुसार रजिस्ट्री कराने का समय आया तो आरोपित ने प्लॉट और मकान की रजिस्ट्री कराने में आनाकानी शुरू कर दी। कई दिन बीत गए लेकिन आरोपित ने रजिस्ट्री नहीं कराई। जब आशीष ने उस पर रुपए वापस करने का दबाव बनाया तो आरोपित ने उसे 5 लाख रुपए का एक चैक दे दिया जिसे बैंक में क्लीरियंस पर लगाया तो उन्हें बताया गया कि यह चैक तो चलन से बाहर है और बैंक ने चैक वापस कर दिया। इसके बाद आरोपित से संपर्क किया गया तो वह न ही पैसे वापस करने के लिए राजी हुआ और ही वह रजिस्ट्री कराने के लिए तैयार था। जिस पर उन्होंने कोतवाली में एक शिकायती आवेदन दिया जिसकी जांच के बाद पुलिस ने सोमवार को केस दर्ज कर लिया है।

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