शिवपुरी। करैरा थाना क्षेत्र के तहत वर्ष 2013 में पुलिस ने एक मामले में युवक की मौत कुएं में गिरना दर्शाकर मर्ग कायम कर फाइल बंद कर दी। वहीं फाइल कोर्ट के आदेश के बाद 8 साल बाद खुली और मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया। यहां बतादें कि 30 नवंबर 2007 को मेहरबानसिंह की नत्थू नत्थू पुत्र हरुआ कुशवाह, रवि पुत्र नत्थू, सिरनाम पुत्र छीतिरया और अशोक पुत्र नारायण जू ने हत्या कर लाश कुएं में फेंक दी थी। जांच के बाद करैरा थाना पुलिस ने साल 2013 में संदेहियों पर कार्रवाई ना करते हुए केस ही खत्म कर दिया था। लेकिन मृतक के बेटे हरीसिंह ने हार नहीं मानी और कोर्ट की शरण ली।
न्यायालय ज्ञानेंद्र कुमार शुक्ला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी करैरा ने 23 जुलाई 2021 को सुनवाई के बाद संबंधितों पर धारा 302 सहपठित धारा 34 भादंसं के अपराध का संज्ञान लिया है। साल 2013 को खत्म हुए केस में ही हत्या का प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही प्रकरण साल 2008 से लंबित होने पर अभियुक्तों की हाजिरी के लिए दस हजार रुपए का जमानती वारंट भी जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। मामले में परिवादी की तरफ से पैरवी अधिवक्ता एलके चतुर्वेदी ने की।
मूल केस डायरी गायब होने पर टीआई खेमरिया की एक वेतन वृद्धि रुकी
प्रकरण की मूल केस डायरी ही गायब हो गई थी। न्यायालय में फोटो कॉपी के आधार पर सुनवाई चली। केस डायरी गायब होने के मामले में विभागीय जांच कराई गई और करैरा थाने के तत्कालीन टीआई सुनील खेमरिया को आगमी एक वार्षिक वेतन वृद्धि एक साल के लिए रोकने का आदेश दिया।
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