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वृद्ध आश्रम एवं वरिष्ठ नागरिकों हेतु विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन / Shivpuri News

शिवपुरी। शिवपुरी जिला मुख्यालय िस्थत वृद्ध आश्रम में विधिक साक्षता शिविर का आयोजन सोमवार को किया गया। विधिक साक्षरता शिविर प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनोद कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। शिविर में अर्चनासिंह जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वृद्धजनों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई तथा उनकी समस्याएं पूछी गई। वहीं वृद्धों के द्वारा अपनी समस्याओं से न्यायाधीश को अवगत कराया गया। इस दौरान सभी समस्याओं को लिखने के बाद उनके समाधान का आश्वासन भी दिया गया। साथ ही सभी वृद्धों से वैक्सीन के बारे में जानकारी भी ली गई और उन्होंने नहीं लगवाई उनको वैक्सीन लगवाने की बात कही। इस दौरान विधिक सेवा से जुड़े न्यायालय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

जिला न्यायाधीश अर्चनासिंह ने बताया कि यदि पर्याप्त साधनों वाला कोई व्यक्ति अपने पिता या माता का, जो अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है, भरण पोषण करने में उपेक्षा करता है या भरण पोषण करने से इन्कार करता है, तो प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट, ऐसी उपेक्षा साबित हो जाने पर ऐसे व्यक्ति को अपने पिता या माता का भरण पोषण करने के लिए मासिक भत्ता देने के सम्बन्ध में निर्देश दे सकते हैं।

उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण पोषण की धनराशि निर्धारित करने के सम्बन्ध में उपबन्ध दिये गये हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी अपने माता-पिता के भरण-पोषण का दायित्व दिया गया है। यहां तक कि न केवल नैसर्गिक माता-पिता बल्कि दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं।

आगे यह भी बताया गया कि जो वृद्ध अपने उत्तराधिकारी या रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक मानते हुए अपनी सम्पत्ति उन्हें अन्तरित कर देते हैं तत्पश्चात उन्हें भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की प्राप्ति नही होती है, तो वह विधि अनुसार अपनी सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं और सम्पत्ति का अन्तरण रद्द करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अर्चनासिंह द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय के विधि-व्यवस्था, सरकारी नीतियों एवं निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने की विस्तृत जानकारी दी गयी। अर्चनासिंह ने कहा कि जिनके बच्चों ने अपने माता-पिता को त्याग दिया है उनके आवेदन वह सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत लगवा रही हैं।

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