आपदा से निपटने प्लान तैयार, तीन फेज में होगा काम
देश में अब तक 44 करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन, यह अपने आप में एक कीर्तिमान
शिवपुरी। जो लोग आपदा और चुनौती के वातावरण में राजनीति देखते हैं मैं उन लोगों की टिप्पणी को मान्यता देना अच्छा नहीं समझता। कोरोना फैलने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए कि कोरोना इनकी वजह से आया इसके बाद वैक्सीन पर भी प्रश्न उठाए कि इसमें मांस है ये वैक्सीन क्यों दी जा रही है लेकिन बाद में वहीं कांग्रेसी अस्पताल में जाकर वैक्सीन लगवाने गए। लॉकडाउन समाप्त करने पर प्रश्न उठाए व दूसरी लहर में लॉकडाउन लगाने पर प्रश्न उठाए लेकिन इन सब प्रश्नों का जबाव जनता ने बार-बार कांग्रेस को दिया। यह बात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
मंत्री सिंधिया ने कहा कि कोरोना महामारी का सामना करके सफलता पूर्वक दूसरी लहर का मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संयुक्त भारत की 130 करोड़ जनता ने की है और केवल महामारी का मुकाबला नहीं टीकाकरण अभियान में सफलता हमें मिली है। 44 करोड़ टीके आज तक देश में लगे हैं जो अपने आप में विश्व में एक कीर्तिमान बन चुका है। विश्व का कोई और देश सफलतापूर्वक इतनी कम समय सीमा में 44 करोड़ टीक इस कोराना का सामना करने में आज तक नहीं लगा पाया। हमारा लक्ष्य यहां तक समाप्त नहीं होता सितंबर के महीने में 1 करोड़ टीके प्रतिदिन लगेंगे। हमारा लक्ष्य है कि जनवरी के माह तक 18 वर्ष तक आयु के हर भारत के नागरिक को टीका सफलतापूर्वक लगाया जाएगा।
सिंधिया ने कहा कि जहां एक तरफ कोरोना से हम लड़ रहे थे वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक प्रकोप 50 वर्षों में हमारे सामने नहीं आया। ऐसा प्रकोप 63-64 में आया था जहां मेरी मां व पिता ने अंचल का दौरा कर लोगों को कंबल बांटे थे। सामान्यतौर पर सूखे का सामना हम लोगों को करना पड़ता है, पिछले 10 दिनों में प्राकृतिक आपदा की चपेट में पूरा संभाग आ गया है। अजीबों-गरीब िस्थति है कि संभाग के 8 जिलों में से पश्चिम भाग श्योपुर, शिवपुरी, गुना में अधिक से अधिक वर्षा हुई जो सामान्य वर्षा होती है उससे अधिक। अभी वर्षा ऋतु का एक माह बाकी है, 1100 मिमी अभी ती वर्षा हो चुकी है मतलब 40 प्रतिशत अधिक बारिश। जब हम लोगों को मालूम पड़ा कि हमारे बांधों पर उफान आ चुका ह और कई वार्ड व गांव पानी में धस गए हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राजनाथसिंह से बात करके 7 हैलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए भिजवाए लेकिन दो दिन मौसम खराब होने की वजह से उनका सही से इस्तेमाल नहीं हो पाया। इसके बाद एनडीआरएफ व सेना को भेजा जिन्होंने करीब 2 हजार 800 लोगों की जान बचाई लेकिन इसके बाद भी 13 लोगों की जान चली गई। वह सेना, प्रशासन, वासुसेना, कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों का धन्यवाद व्यक्त करना चाहते हैं जिन्होंने इस आपदा के समय अपना पूरा सहयोग दिया। सिंिाया ने कहा कि अभी धीर रखन का समय नहीं है। आज भी मौसम का रेड अलर्ट चल रहा है हम लोगों को सतर्क रहना होगा।
यह रणनीति तैयार की गई
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिंधिया ने बताया कि उन्होंने प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की तथा वह तीन स्ट्रेजी पर काम करेंगे जिसके पहले फेज में यानि 24 घंटे के अंदर तालाब व मौसम की जानकारी देकर उसका मुकाबला करना। दूसरे फेज में जिसकी जानकारी 48 घंटे के भीतर प्रशासन को देना होगी उसमें लोगों की देखभाल के बारे में जानकारी होगी वहीं तीसरे फेज यानि कि 7 से 10 दिन के अंदर हानि का मुआयना कर उसकी जानकारी से अवगत कराना होगा। सिंधिया ने कहा कि बैठक के दौरान तय किया गया कि इस आपदा के समय जो लोग बेघर हो गए हैं उन्हें 6 हजार रुपए की प्रारंभिक सहायता पहुंचाई जाए। बाढ़ की चपेट में लगभग 450 गांव के लोग आए हैं यहां अन्न पहुंचाना जरूरी नहीं उन्हें दो वक्त का खाना उपलब्ध कराना होगा जिसकी सूची बनाई जाएगी और पंचायत स्तर पर खाना बनाकर वितरण किया जाएगा। बाढ़ के बाद बीमारी फैलने का खतरा अधिक रहता है इससे निपटने के लिए जहां भी बीमार लोगों की जानकारी मिले वहां मेडीकल टीम को पहुंचाना प्राथमिकता रहेगी। इसके बाद बिजली व पेयजल की व्यवस्था गांव-गांव में सुचारू करना होगी।
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