शिवपुरी। किसान मजदूर एकता संगठन द्वारा किसानों की विभिन्ना समस्याओं को लेकर बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह के नाम एक ज्ञापन सौंपा हैं। ज्ञापन में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जैविक खाद, जैविक बीज, जैविक दवाईयों एवं परंपरागत फसलों में लिए अनुदान का प्रतिशत बढ़ाकर किसानों के खाते में अनुदान दिया जाए। जिससे सरकारी खाद बीज दवाईयों पर अधिक महंगी न खरीदना पड़े।
एकता परिषद के रामप्रकाश शर्मा ने बताया कि कृषि घाटे का सौदा सिद्ध हो रहा हैं। खरीफ की फसलों में मध्य प्रदेश के जिलों में शिवपुरी बाढ आपदा में खेती में 90 प्रतिशत नुकसान हुआ हैं। जिसके कारण किसान खाद, बीज एवं डीजल के लिए साहूकारों के दरबाजे एवं मार्केट में खाद, बीज की उपलब्धलता में कमी के कारण डीएपी व यूरिया खाद के कट्टे के लिए 300 रूपए अधिक दे रहा हैं। लागत भी कहीं-कहीं में ब्याज देकर अपनी खेती की आवश्यकताओं के लिए कतारों में लगकर परेशान हो रहे हैं। ज्ञापन के माध्यम से इन बिन्दुओं पर चर्चा की गई हैं जिसमें बाढ़ आपदा में फसल के नुकसान का बीमा मुआवजा किसानों को नहीं दिया गया।, उत्तम गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराए जाए तथा उन्हें सबसिडी कहीं से भी बीज खरीदे उसके खाते में सीधी भेजी जाए। वर्तमान में म.प्र. सरकार ने आवारा मवेशियों के लिए करोड़ों खर्च करने के बाद गौ शाला बनाई उन गौशालाओं में आज भी आवारा बिना दूध के मवेशी नहीं लिए जाते उदाहरण के लिए हातौद गौशाला में आवारा मवेशी नहीं लिए जा रहे इसलिए गौ शाला पर मवेशियों के साथ-साथ जैविक खाद, जैविक दवा गौ मूल एवं गोवर से केंचुआ खाद बनाया जाए। जिससे किसान शासकीय खाद पर निर्भर न रहे एवं इन गौशालाओं में जितने मवेशी नहीं उनसे मिलने वाला खाद उपलब्ध हो सके।
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