कोलारस। प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में खसरा सुधार और अन्य दुरुस्ती करने के लिए एक से 15 नवंबर तक राजस्व रिकॉर्ड सुधार पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में कोलारस तहसील स्तर पर काफी समय से इंद्राज दुरुस्ती के लिए भटक रहे किसानों के लिए इस 15 दिवस में भरपूर जाग्रत किया जाना आवश्यक है। इसके अंतर्गत नाबालिक से बालिक, खसरा में अंकित छोटे, मझले, बड़े, भैया, बहना जैसे शब्दों को हटाकर खसरा को दुरुस्त करना है। साथ ही रकवा को भी दुरुस्त करना है, इसके साथ-साथ पुराने रिकॉर्ड में दर्ज कुआ, बावडी ट्यूबवेल जो विलोपित हो गए हैं उनको भी सुधारकर दुरुस्त किया जाना है।
ज्ञात हो कि वर्तमान में उक्त प्रकार की दुरूस्तियों को सुधार करवाने के लिए एक बड़े रास्ते से गुजरना पड़ता था जिसमें वकील को करना भी पक्षकार की मजबूरी थी। इन छोटी-छोटी दुरुस्तियों में कभी-कभी तो महिनों बीत जाते थे और पक्षकार भटकते फिरते थे। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रकार के अभियान पूर्व में भी चलाए जाते रहे हैं किंतु जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अमले द्वारा इसका सही से प्रचार-प्रसार न होने के कारण किसानों को इसका भरपूर लाभ नहीं मिल पाता था। वहीं पूर्व में पदस्थ तहसीलदार और राजस्व अमला ऑफ लाइन में महिनों से में पेंडिंग मामलों को अपनी अलमारियों में से सकेलकर प्रदेश स्तर पर रंगीन तस्वीर प्रदर्शित कर देते थे और इस प्रकार के अभियानों के नाम पर नए स्तर से किसी प्रकार का लाभ किसानों को नहीं मिल पाता था।
पटवारियों सहित सचिवों को भी जुड़ना होगाः एसडीएम श्रीवास्तव
अनुविभागीय अधिकारी ब्रजबिहारी श्रीवास्तव ने कहा कि खसरा शुद्धिकरण पखवाडा किसानों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है यदि शिक्षित वर्ग जागरूक होकर इसका शासन के साथ-साथ प्रचार-प्रसार करे। राजस्व विभाग के साथ-साथ पंचायत स्तर पर भी में सचिवों को इसकी प्रगति के लिए निर्देशित करूंगा।
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