शिवपुरी। टाइगर की राह में बाधा बने पांच गांव को लेकर अब वन विभाग ने कमर कस ली है। रविवार को नेशनल पार्क प्रबंधन की टीम ने पुलिस के सहयोग से खाली हुई जमीन पर जुताई की। यहां पर विभाग चारागाह बना रहा है। टीम ने अर्जुनगवां, लखनगवां और हरनगर में गश्त की और खाली हुई जमीन पर जुताई कराइ। इसका एक उद्देश्य था भी था कि मुआवजा लेने के बाद भी गांव खाली न कर रहे लोगों के बीच संदेश जाए कि टाइगर के आने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अब गांव खाली करना ही पड़ेगा। यहां पर कुल 468 परिवारों का मुआवजे का मामला था जिसमें से महज 172 परिवार ही मुआवजा लेने के बाद जमीन खाली करके गए हैं जबकि अन्य अभी भी यहीं डटे हुए हैं। 172 परिवारों से जो जमीन नेशनल पार्क को मिली है वह प्रस्तावित टाइगर कोरिडोर में आती है। इसके चलते वहां पर नेशनल पार्क ने काम करना शुरू कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच गांव में कुल 468 परिवार थे जिन्हें विस्थापित किया जाना था। इसमें से 393 ने मुआवजा ले लिया और 75 ने अभी तक मुआवजा भी नहीं लिया है। अब पार्क प्रबंधन इन 75 को छोड़कर उन लोगों की जमीन पर पहले कब्जा लेना चाह रहा है जिन्होंने मुआवजा लेने के बाद भी जमीन नहीं छोड़ी है। यह लोग अभी भी पार्क की जमीन पर खेती कर रहे हैं। 221 परिवारों को मुआवजे मिल गया और बदले में कुछ जमीन भी मिली। अब यह लोग दोनों जगह खेती कर दोहरा लाभ ले रहे हैं और इसी कारण पार्क की जमीन खाली करने भी तैयार नहीं हैं। टाइगर की पुर्नस्थापना में यही सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं।
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