Press "Enter" to skip to content

विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर शिवपुरी जिले की सीनियर एनएम सिस्टर द्रौपदी शर्मा को शॉल श्रीफल एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया / Shivpuri News

पोलियो की दो बूंद अपने 5 साल तक के बच्चों को अवश्य पिलाएं जिससे पोलियो मुक्त भारत का दर्जा बना रहे – सिस्टर द्रोपती शर्मा
शिवपुरी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पोलियो उन्मूलन के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है और हर साल इस लक्ष्य के करीब पहुंचता रहा है। डब्ल्यूएचओ ने लोगों को जागरूक करने के लिए जो कदम उठाए हैं उससे हर व्यक्ति पोलियो को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। पोलियो के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, हर साल 24 अक्तूबर को विश्व पोलियो दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। पोलियो को कभी एक अत्यंत सामान्य संक्रामक बीमारी के रूप में जाना जाता था जिसने दुनिया भर में लाखों बच्चों के जीवन को बाधित किया था। ये कहना था सिस्टर द्रोपती शर्मा का जो की काफी लंबे समय से बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने में लगी है उन्होंने कहा की पोलियो की दो बूंद अपने 5 साल तक के बच्चों को अवश्य पिलाएं जिससे पोलियो मुक्त भारत का दर्जा बना रहे ।अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल ने बताया कि आज विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर शिवपुरी जिले की सीनियर एएनएम श्रीमती द्रौपती शर्मा जो कि दूरदराज के क्षेत्र में काफी लंबे समय से टीकाकरण के कार्य में लगी है उनको शॉल श्रीफल एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा की
विश्व पोलियो दिवस हर साल 24 अक्तूबर को जोनास साल्क के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट थे। जिन्होंने दुनिया का पहला सुरक्षित और प्रभावी पोलियो वैक्सीन बनाने में मदद की थी। डॉक्टर जोनास साल्क ने साल 1955 में 12 अप्रैल को ही पोलियो से बचाव की दवा को सुरक्षित करार दिया था और दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था। एक समय यह बीमारी सारी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी और डॉ. साल्क ने इसके रोकथाम की दवा ईजाद करके मानव जाति को इस घातक बीमारी से लड़ने का हथियार दिया था। पोलियो या पोलियोमेलाइटिस, एक अपंग यानी विकलांग करने वाली घातक बीमारी है। पोलियो वायरस के कारण यह बीमारी होती है। व्यक्ति से व्यक्ति में फैलने वाला यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर हमला कर सकता है, जिससे पक्षाघात होने की आशंका होती है। पक्षाघात की स्थिति में शरीर को हिलाया नहीं जा सकता और व्यक्ति हाथ, पैर या अन्य किसी अंग से विकलांग हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयासों और विभिन्न देशों की सरकारों की दृढ़ता के साथ टीकाकरण अभियान ने दुनिया को पोलियो से बचाया। भारत पिछले 7-8 वर्षों से पोलियो मुक्त हो चुका है।पोलियो के लक्षण क्लीवलैंड क्लिनिक का कहना है कि पोलियो से संक्रमित लगभग 72 फीसदी लोग किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं करते हैं। संक्रमित लोगों में से लगभग 25 फीसदी में बुखार, गले में खराश, मतली, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षण होते हैं। शेष कुछ रोगियों में पोलियो के अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि निम्नलिखित:-
पैरेथेसिया- हाथ और पैर में पिन और सुई चुभने जैसा अनुभव होता है। मेनिनजाइटिस – मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आवरण में संक्रमण पक्षाघात – पैर, हाथ को स्थानांतरित करने की क्षमता में कमी या अनुपस्थिति और सांस लेने की मांसपेशियों में खिंचाव। कार्यक्रम को सफल बनाने में
शक्ति शाली महिला संगठन के लव कुमार , हेमंत उचवारे ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

More from ShivpuriMore posts in Shivpuri »

Be First to Comment

Leave a Reply

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: