शिवपुरी। सुरक्षित चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम 1971 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की मासिक समीक्षा बैठक गत दिवस आयोजित की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन की अध्यक्षता में समिति के सदस्य गीता दीवान, आलोक एम इंदौरिया, वात्सल्य पवन जैन, गायत्री परिवार जिला प्रभारी पुष्पा खरे एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता गंगवाल सहित जिले से जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनएस चौहान एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय ऋषिश्वर भी उपस्थित रहे। क्लिंटन हेल्थ फाउंडेशन उप संभागीय समन्वयक विवेक जैन के द्वारा गर्भ समापन अधिनियम के संदर्भ में सदस्यों को अवगत कराया एवं 2021 संशोधन अधिनियम के बारे में जानकारी दी। भारत उन कुछ गिने-चुने देशों में है जो एमटीपी अधिनियम के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षित गर्भ समापन के विषय में अधिकार देता है। 2003 संशोधन अधिनियम के माध्यम से प्राइवेट हॉस्पिटल संस्थाओं को पंजीयन उपरांत गर्भ समापन सेवाएं प्रदान करने की पात्रता होती है। गैर पंजीकृत संस्थाओं द्वारा गर्भ समापन देना अवैधानिक है एवं 2 से 7 वर्ष की कठोर कारावास एवं सजा का प्रावधान है।
जिले की पंजीकृत 3 संस्थाओं द्वारा की जा रही रिपोर्टिंग पर चर्चा की गई एवं गैर पंजीकृत संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित करने हेतु 15 दिवस का समय एवं पत्र जारी करने का निर्णय हुआ। मेडिकल स्टोर से बिना अधिकृत चिकित्सक के पर्चे के गर्भ समापन संबंधी दवाओं पर भी चर्चा हुई। जिले के समस्त मेडिकल स्टोर को निर्देश जारी करने का निर्णय हुआ कि वह गर्भ समापन की दवाएं देते समय इसका रिकॉर्ड रखें। असुरक्षित गर्भपात अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा शासकीय चिकित्सालय में यह सेवा मुफ्त में उपलब्ध है। इस संबंध में जिले के समस्त शासकीय चिकित्सालय में सूचना के प्रदर्शन के संबंध में भी निर्णय हुआ। जिले के प्राइवेट अस्पतालों में निगरानी एवं मॉनिटरिंग हेतु मैकेनिज्म विकसित करने के संदर्भ में भी विस्तार से चर्चा हुई।
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