@अजयराज सक्सेना
भाजपा में बागियों को ईनाम मिलने की परंपरा से आगे चुनावों में आ सकती है बागियो की बाढ़
बेटे पर बलात्कार का लग चुका हैं आरोप
युवती को पुलिस में जाने से धमकाया भी गया था पिता रमेश खटीक के नाम पर
भाजपा के करैरा से पूर्व विधायक रहे रमेश खटीक को पिछली विधानसभा में विधायक का टिकट नहीं दिया गया था। टिकट न मिलने से रूष्ट रमेश खटीक ने बीजेपी से बगावत कर ली और सपाक्स पार्टी से चुनाव लड़ने की ताल ठाेक दी। इतना ही नहीं वह सपाक्स से टिकट ले आए और अपना जनसंपर्क शुरू कर दिया, लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके।
पूर्व विधायक रमेश खटीक का बीजेपी से विवाद किसी से छिपा नहीं रहा। टिकट की लालसा में उन्होंने पार्टी को ही छोड़ दिया और दूसरे दल से चुनाव लड़ लिए। चुनाव हार जाने के बाद वह बीजेपी में दोबारा आ गए और कार्य करना शुरू कर दिया। बीते दिनों घोषित हुई भाजपा की जिला कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण दर्जा दे दिया। साथ ही इनके पुत्र ने भी चलती गाड़ी में एक युवती से बलात्कार किया था। जिसकी एफआईआर भी दर्ज की गई थी। और पिता रमेश खटीक के नाम पर धमकाया भी गया था अगर शिकायत की तो मारकर फिंकवा दूंगा , फिर भी सबसे बड़ी पार्टी भाजपा द्वारा खटीक को इतना बड़ा सम्मान देना सही है जो न तो पार्टी के हुए और ही आमजन के।
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