कोलारस। पंच-परमेश्वर योजना के अंतर्गत जनपद की 2 दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में डाली गईं सीसी कंक्रीट सड़कों के निर्माण में नदी-नालों की घटिया रेत व सीमेन्ट का प्रयोग नाम मात्र का होने से सड़कें न केवल जगह-जगह से कट गई हैं। सड़कों की न साइडें भरी गई हैं और न ही नियमानुसार नालियों का निर्माण ही कराया गया है। नालियों के नहीं बनने से गांवों में सड़कों के किनारे कीचड़ व गंदगी जमा हो रही है, जबकि गाइड लाइन में नालियों का निर्माण प्रमुख शर्तों में शामिल है। सड़कों की मोटाई, चौड़ाई भी नियम से परे रखी गई है। गुणवत्ताहीन निर्माण होने से 5 और 2 वर्ष पूर्व बनीं सड़कें जर्जर हालत में पहुंच गई हैं। यहां खास बात यह है कि निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व उपयंत्री द्वारा मौके पर जाकर एस्टीमेट बनाया जाता है और लेआउट दिया जाता है। इसके पश्चात निर्माणाधीन कार्यों की सत्त मानीटरिंग की जाती है और काम पूरा हो जाने के बाद ही मूल्यांकन किए जाने का प्रावधान है लेकिन कोलारस जनपद की ग्राम पंचायतों में नियमों का पालन ही नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि विगत 5 वर्ष में लगभग 10 करोड़ की सीसी सड़क बिछाई जा चुकी हैं लेकिन एक भी पंचायत में नाली का निर्माण नहीं कराया गया है।
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत कोलारस की 68 ग्राम पंचायतों में पंच-परमेश्वर योजना के तहत सीसी रोड बनाने के लिए हर वर्ष बजट आता है। विगत 5 वर्ष में सभी पंचायतों में लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत से सीसी सड़कों का निर्माण कराया गया था। परन्तु यह सीसी गाइड लाइन के मुताबित नहीं बन पाई हैं। ग्रामीणों के अनुसार सीसी सडकों में सीमेंट का प्रयोग कम किया गया साथ ही सिंध नदी व स्थानीय नदी-नालों की मोटी व घटिया स्तर की रेत इस्तेमाल में लाई गई। आलम यह है कि सड़क किनारों की लेबलिंग नहीं की गई और न ही पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण कराया गया जिससे बारिश के पानी में सड़क कट कर उखड़ गई हैं।
साइडें गहरी होने से फंस रहे वाहन
सड़क बनाने के पूर्व गिट्टी मुरम नहीं बिछाई गई न कुटाई व तलाई ही की गई जिससे वाहनों के दवाब से सड़क धंसक रही हैं। यही नहीं सड़कों की साइडों को नहीं भरे जाने से वाहनों के निकलने से सड़क क्षतिग्रस्त हो रही हैं तथा साइडों के किनारे गहरे गड्ढे होने से वाहनों के पहिए फंस जाते हैं। सीसी कंक्रीट रोड के बीचों बीच व साइडों में गंदगी होने से स्कूली बच्चों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा सीसी बनाते समय ही संबंधित उपयंत्रियों को शिकायत दर्ज कराई गईं थी लेकिन कमीशन के लालच में उपयंत्री नजर अंदाज कर रहे हैं। गाइड लाइन का उल्लंघन कर बनाईं गई सीसी सडकों में टिकाऊपन का अभाव है।
इन पंचायतों में हुआ घटिया निर्माण
ग्राम पंचायत चिलावद, कुम्हरौआ, गढ, साखनौर, चकरा, चंदौरिया, टुडयावद, सरजापुर, अटरूनी, सेसईखुर्द, बेरसिया, पाडौदा, गणेशखेडा, कुल्हाड़ी, भडौता, खरई, किशनपुर, अटामानपुरा, देहरोद, सुआटोर, पहाडी, डेहरवारा, अटारा, मढीखेडा, खोंकर आदि ग्राम पंचायतों में सड़कों की मोटाई आठ इंच होना चाहिए परन्तु कहीं चार तो किसी पंचायत में पांच इंच मोटाई रखी गई है। निर्माण कार्यों में घपलेबाजी की शिकायत भी ग्रामीणों द्वारा जनपद पंचायत के सीईओ व सबइंजीनियरों को की जा चुकी है लेकिन उनके द्वारा शिकायत पर कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे पंचायत पदाधिकारियों द्वारा पंच पंचपरमेश्वर योजना में जमकर पलीता लगाया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
गाइड लाइन के अनुसार नालियां बनाना जरूरी है, यदि नहीं बनाई गईं हैं तो संबंधितों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि नालियां क्यों नहीं बनाई, लेबलिंग क्यों नहीं की, इसकी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
आफीसर सिंह गुर्जर, सीईओ जनपद पंचायत कोलारस
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