डाकघर से नहीं निकल रहा कैश, उपभोक्ता परेशान
डाकघर ने जमा कराये 60 लाख, बैंक ने दिये मात्र 3 लाख
खनियांधाना। नोटबंदी को एक माह व्यतीत होने के बाद भी डाकघरों से रुपये नहीं निकलने से उपभोक्ता परेशान घूम रहे हैं। हालत यह है कि कस्बों में डाकघरों को कैश की व्यवस्था बैंक द्वारा कराई जाती है लेकिन खनियांधाना उप डाकघर में पिछले एक माह के दौरान बैंक द्वारा पर्याप्त कैश नहीं पहुंचाया जा रहा है जिस वजह से डाकघर के खाताधारक परेशान हो कर कर्मचारियों को खरी-खोटी सुना रहे हैं। कैश की कमी से बचत खातों सहित पेंशन व हितग्राही योजनाओं की राशि भी नहीं निकल पा रही है।
डाकघर के उपडाकपाल ने बताया कि पुराने नोट जमा करने की तारीख के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने रुपये डाकघर में जमा कराये हैं जिसमें अभी तक करीब 60 लाख रुपये वह बैंक में जमा करा चुके हैं लेकिन बैंक से बदले में अभी तक मात्र 3 लाख रुपये ही हमको मिले हैं ऐसे में हम मात्र पांच प्रतिशत राशि से सभी को कैश नहीं दे पा रहे हैं। हालत यह है कि पूरे माह में करीब 2 – 3 दिन ही लोगों को कैश मिल पाया वह भी पहले आने वालों को मिला जिसको देर से खबर मिली वह तो आज तक एक रुपया भी डाकघर से नहीं निकाल सका। प्रतिदिन सुबह 10 बजे से डाकघर के सामने रुपये निकालने बालों की भीड़ लग जाती है लेकिन लोगों को निराश लौटना पड़ता है। रोज रोज की परेशानी को देखते हुये डाकघर में भी तख्ती लगा दी गई है कि बैंक से कैश नहीं मिलने से भुगतान नहीं हो पायेगा।
बॉक्स
कैशलैस की सुविधा नहीं
आधुनिक जमाने में पूरे देश में जहां कैशलैस सुविधायें कई बैंक व वित्तीय संस्थान उपलव्ध करा रहे हैं लेकिन डाकघर अभी भी उसी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। बचत बैंक खाताधारकों के पास ना ही तो एटीएम हैं जिससे वह कहीं भी कार्ड लगाकर भुगतान कर देते और ना ही सीबीएस चैक बुक है जिससे वह किसी को भी चैक दे कर सुविधाओं का लाभ ले पाते। ऐसे में पोस्टल पेमेन्ट बैंक की ओर बढ़ रहे कदम कहां तक सार्थक कहलायेंगे यह तो बक्त आने पर पता चलेगा फिलहाल तो उपभोक्ता रकम निकालने के लिये डाकघर के रोज चक्कर लगाने को मजबूर हैं तथा विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी यह नहीं बता पा रहा है कि कैश कब तक उपलब्ध हो सकेगा।
बॉक्स
इनका कहना है
हमारे डाकघर कैश के लिये बैंको पर निर्भर हैं तथा कई बार प्रयास के बाद भी हमें कैश उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिससे हम अपने समस्त कार्यालयों में व्यवस्था नहीं बना पा रहे हैं, जब बैंक हमें रुपये देगा तभी हम खाताधारकों को कैश दे पायेंगे।
डाक अधीक्षक
डाक संभाग गुना
डाकघर ने जमा कराये 60 लाख, बैंक ने दिये मात्र 3 लाख
खनियांधाना। नोटबंदी को एक माह व्यतीत होने के बाद भी डाकघरों से रुपये नहीं निकलने से उपभोक्ता परेशान घूम रहे हैं। हालत यह है कि कस्बों में डाकघरों को कैश की व्यवस्था बैंक द्वारा कराई जाती है लेकिन खनियांधाना उप डाकघर में पिछले एक माह के दौरान बैंक द्वारा पर्याप्त कैश नहीं पहुंचाया जा रहा है जिस वजह से डाकघर के खाताधारक परेशान हो कर कर्मचारियों को खरी-खोटी सुना रहे हैं। कैश की कमी से बचत खातों सहित पेंशन व हितग्राही योजनाओं की राशि भी नहीं निकल पा रही है।
डाकघर के उपडाकपाल ने बताया कि पुराने नोट जमा करने की तारीख के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने रुपये डाकघर में जमा कराये हैं जिसमें अभी तक करीब 60 लाख रुपये वह बैंक में जमा करा चुके हैं लेकिन बैंक से बदले में अभी तक मात्र 3 लाख रुपये ही हमको मिले हैं ऐसे में हम मात्र पांच प्रतिशत राशि से सभी को कैश नहीं दे पा रहे हैं। हालत यह है कि पूरे माह में करीब 2 – 3 दिन ही लोगों को कैश मिल पाया वह भी पहले आने वालों को मिला जिसको देर से खबर मिली वह तो आज तक एक रुपया भी डाकघर से नहीं निकाल सका। प्रतिदिन सुबह 10 बजे से डाकघर के सामने रुपये निकालने बालों की भीड़ लग जाती है लेकिन लोगों को निराश लौटना पड़ता है। रोज रोज की परेशानी को देखते हुये डाकघर में भी तख्ती लगा दी गई है कि बैंक से कैश नहीं मिलने से भुगतान नहीं हो पायेगा।
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कैशलैस की सुविधा नहीं
आधुनिक जमाने में पूरे देश में जहां कैशलैस सुविधायें कई बैंक व वित्तीय संस्थान उपलव्ध करा रहे हैं लेकिन डाकघर अभी भी उसी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। बचत बैंक खाताधारकों के पास ना ही तो एटीएम हैं जिससे वह कहीं भी कार्ड लगाकर भुगतान कर देते और ना ही सीबीएस चैक बुक है जिससे वह किसी को भी चैक दे कर सुविधाओं का लाभ ले पाते। ऐसे में पोस्टल पेमेन्ट बैंक की ओर बढ़ रहे कदम कहां तक सार्थक कहलायेंगे यह तो बक्त आने पर पता चलेगा फिलहाल तो उपभोक्ता रकम निकालने के लिये डाकघर के रोज चक्कर लगाने को मजबूर हैं तथा विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी यह नहीं बता पा रहा है कि कैश कब तक उपलब्ध हो सकेगा।
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इनका कहना है
हमारे डाकघर कैश के लिये बैंको पर निर्भर हैं तथा कई बार प्रयास के बाद भी हमें कैश उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जिससे हम अपने समस्त कार्यालयों में व्यवस्था नहीं बना पा रहे हैं, जब बैंक हमें रुपये देगा तभी हम खाताधारकों को कैश दे पायेंगे।
डाक अधीक्षक
डाक संभाग गुना
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