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सिंधिया ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने से किया इन्कार


यूपी चुनाव में भाजपा की सुनामी का असर
भाजपा में जाने की अटकलें, केन्द्र में मंत्री बनाए जानेे की चर्चायें

शिवपुरी(एचएनएस)। उ.प्र. और उत्तराखण्ड में जिस तरह से भाजपा ने विरोधी दल के कद्दावर नेताओं को अपने दल में मिलाकर जीत हांसिल की थी। वहीं फार्मूला मध्य प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भी भाजपा  इस्तेमाल  करने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में भाजपा की सुनामी से कांग्रेस में भी हड़कंप का बातावरण व्याप्त हो गया है। इसका फायदा उठाते हुए भाजपा ने प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया केा अपने पाले में खींचने के प्रयास तेज कर दिए हैं। जिसके परिणाम स्वरूप सिंधिया ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने से इन्कार कर दिया है और उनके भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। हमारे एचएनएस सूत्रों से खबर आर्ई हैं कि केन्द्र में श्री सिंधिया को मंत्री पद दिया जा रहा है। उन्हें अरूण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्री बनाया जा सकता है।
कांग्रेस ने ऐलान किया था कि ५ राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस नेतृत्व में परिवर्तन किया जाएगा और वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव के स्थान पर किसी अन्य की नियुक्ति की जाएगी। प्रदेश  कांग्रेस की कमान जिसे सौंपी जाएगी उसे कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में प्रोजेक्ट करेगी। ठीक उसी तरह जिस तरह से पंजाब में अमरिन्द्र सिंह को कमान सौंपी गई थी। मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की संभावना काफी प्रबल थी और विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस आला कमान ने गुना-शिवपुरी के सांसद और पूर्र्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व सौंपने का निर्णय ले लिया था। हमारे एचएनएस सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जब श्री सिंधिया को कांग्रेस आला कमान के निर्णय से अवगत कराया तो श्री सिंधिया ने स्पष्ट रूप से नेतृत्व स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। एचएनएस सूत्र बताते हैं कि श्री सिंधिया के इन्कार के पीछे भाजपा द्वारा उन्हें लालच दिया जाना था। उन्हें प्रपोज किया गया था कि यदि वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आते है तो उन्हें केन्द्र में तत्काल मंत्री बना दिया जाएगा और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के तीन माह पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। एचएनएस सूत्रों के अनुसार श्री सिंधिया ने प्रस्ताव किया था कि केन्द्र में मंत्री बनाने के स्थान पर उन्हें शिवराज सिंह चौहान को हटाकर तुंरत प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन पार्टी में विद्रोह की आशंका को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेतृत्व ने श्री सिंधिया के प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताते हुए इसे मानने से इन्कार कर दिया, लेकिन उन्हें आश्वस्त किया कि अगले चुनाव में वह ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। थोड़ी झिझक के बाद सिंधिया ने भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन निर्णय की घोषणा एचएनएस सूत्र बताते हैं कि सही समय पर की जाएगी। श्री सिंधिया के कांग्रेस छोडऩे की अटकलों से कांग्रेस में भूचाल का बातावरण व्याप्त हो गया है।

जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव नहीं छोड़ेंगे कांग्रेस

हमारे एचएनएस सूत्र बताते हैं कि भले ही सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोडऩे का मन बना लिया हो लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र शिवपुरी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव ने कांग्रेस छोडऩे से इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि वह जिंदगी भर कांग्रेस में रहे और अब उम्र के अंतिम पड़ाव में वह कांग्रेस छोड़कर अपनी विश्वसनीयता नहीं खोना चाहते। श्री यादव के समर्थन में उनके सिपहसालार हरवीर सिंह रघुवंशी, राजेश यादव, मिथलेश यादव, राकेश जैन आमोल आदि ने भी पार्टी में बने रहने का मन बनाया है, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष कमला यादव के पति वरिष्ठ कांग्रेस नेता बैजनाथ सिंह यादव, नगर पंचायत कोलारस के अध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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