शिवपुरी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिवुपरी इकाई ने तमिलनाडु के राज्यपाल के नाम लावण्या के लिए न्याय और मिशनरी स्कूलों में जबरन मत परिवर्तन के खतरे से निपटने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
सेकरेड हार्ट्स हाई स्कूल, तंजावुर, तमिलनाडु के छात्र एम लावण्या की आत्महत्या से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हमारे देश का पूरा युवा बेहद सदमे और पीड़ा में है। यह में क्रोध दिलाता है कि लावण्या को ईसाई मत में जबरन धर्मांतरण के प्रयास के कारण हुई भयावहता के कारण अपना जीवन समाप्त करना पड़ा, जिसे उसने सचेत अवस्था में रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में गवाही दी थी।
ज्ञापन के माध्यम से नगर मंत्री विवेक धाकड़ ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने दोषियों को न्याय दिलाने के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं किया है। इस पर प्रकाश डालते हुए और देश भर में कई मिशनरी स्कूलों के तत्वाधान में चल रहे बड़े पैमाने पर मतांतरण कर संज्ञान लेते हुए, एबीबीपी मांग करती है कि सभी ईसाई मिशनरी स्कूलों में संस्थागत इंजीलवाद का अंत किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संस्थागत इंजीलवाद का अभ्यास नहीं किया जाता ै, चर्चों और मस्जिदों को स्कूल से अलग करने के लिए एक उचित नियामक ढांचे को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। जबरन धर्मांतरण को एक दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए और इसलिए मतांतरण विरोधी कानून की बहुत आवश्यकता है और इसे राज्य और पूरे देश में समय पर लागू करना अनिवार्य है। लावण्या और दोषी शिक्षकों पर हो रही क्रूरता को प्रकाश में लाने के लिए उचित और परदर्शी जांच की जाएगी। इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाना चाहिए। एक अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले आईपीएस अधिकारी को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। अभाविप आपसे मांग करता है कि छात्रों की सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करने वाले शैक्षिक वातावरण की स्थापना के हित में, हम आशा करते हैं कि आप इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में काम करेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि लावण्या को न्याय मिले।
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